| क्लास 12 पद 2 - तुलसीदास हिंदी अर्थ |
|
पद 2 तुलसीदास के बारे में - by book
[ सक्रीनशॉट
] |
| पद 2 तुलसीदास के बारे में |
तुलसीदास [ पद 2 ] पाठ के लेखक के बारे में |
भक्त कवि तुलसीदास जी का जन्म बांदा जिले के राजापुर नामक गांव में हुआ था. तुलसीदास जी के जन्म स्थान को लेकर कुछ विद्वानों में मतभेद भी हुआ था. तुलसीदास जी को राम भक्ति शाखा का कवि भी माना जाता है. तुलसीदास जी का बचपन बहुत ही अभाव में बीता था. नरहरिदास जी कवि तुलसीदास जी के गुरु थे. जिन के सानिध्य में आकर कवि तुलसीदास जी को राम भक्ति का मार्ग मिला था.
तुलसीदास जी की रचनाएं– रामचरितमानस की रचना तुलसीदास जी ने हीं की थी. जिसमें कुल 07 कांड उपलब्ध है। रामचरितमानस रचना राम जी के जीवन से जुड़ा हुआ है। कवि तुलसीदास जी ने विनय पत्रिका में श्री राम जी के साथ साथ भिन्न देवताओं के स्तुतियों का गान किए है. पार्वती मंगल, गीतावली, विनय पत्रिका, कृष्ण गीतावली, बरवै रामायण इत्यादि इनकी प्रमुख रचनाएं हैं।
तथा तुलसीदास जी की मृत्यु काशी के अस्सी घाट पर 1680 को हो गयी थी।
तुलसीदास [ पद 2 ] का सारांश - Tulsidas pad summary |
यहा प्रस्तुत काव्य पंक्तियां कवि तुलसीदास द्वारा रचित गीतावली से ली गई है. गीतावली के 2 पद का उल्लेख यहां किया गया है. प्रथम पद में माता कौशल्या के हृदय के भाव को दर्शाया गया है. तथा वहीं दूसरे पद में माता कौशल्या अपने पुत्र श्री राम को पुनः अयोध्या आने का निवेदन करती हैं. श्री राम की बातें माता कौशल्या को बहुत भाव विभोर करती हैं। इसी बात का उल्लेख इन पंक्तियों में किया गया है.
तुलसीदास [ पद 2 ] Paragraph 1,2 |
0 Comments